बॉलीवुड क्वीन जेस ब्लैक अल्कोहलिक टाइगर श्रॉफ, उनका एक्शन उनका डांस जीवन उनकी एक्टिंग भी अच्छी है। स्टाइल बॉलीवुड नाइट सुंदरकांड कंटेंट स्क्रिप्ट एंड स्टोरी। वैसे रिलीज हो चुकी है हीरोपंती टू। आइए करते हैं रिव्यू। शुरू तो वेल हलो मेरा नाम है। योगी और हमारी मुलाकात बार बार होगी।
हीरोपंती टू ऑफिशियल सीक्वल है। इसी फिल्म के फर्स्ट पार्ट का जो बेसिकली टाइगर श्रॉफ की डेब्यू मूवी थी जो दो हज़ार 14 में आई थी। यानी सिर्फ आठ साल पहले। लेकिन इस मूवी को देखने के लिए आपको फर्स्ट पार्ट देखने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है। वैसे तो इस मूवी को भी देखने की कोई जरूरत नहीं है।
आपकी मर्जी रिव्यू सुन कर अगर आपका मन करे तो देख लेना। सबसे पहले तो अपने फर्स्ट फिल्म से लेकर इस वाले फिल्म तक जो मेकओवर हुआ है ना टाइगर का वो काबिले तारीफ है। कहा, उसे दो हज़ार 14 में लोग चिकना लौंडा कहते थे। आमीन। तब उनकी दाढ़ी वगैरह नहीं आती थी। मूंछ भी नहीं आती थी।
दूसरों को कहते थे छोटी बच्चियां क्या और खुद बच्चे जैसे दिखते थे बट बड़ बट इस माचो मैन ना बहुत मेहनत की है। टाइगर ने रिस्पेक्ट दैट बट बात करें। इस मूवी की तो देखो इसमें टाइगर है तो कमाल कनेक्शन है। नवाज है तो कमाल की एक्टिंग है और थोड़ी बहुत कॉमेडी और ड्रामा भी है। गाने तो है ही वो भी रहमान साहब के और डायलॉगबाजी पर। इतना सब कुछ होने के बाद भी ये मूवी उम्मीद से ज्यादा पकाऊ है।
जी हां, उम्मीद से ज्यादा बोरिंग उम्मीद से ज्यादा ओवर एक्टिंग उम्मीद से ज्यादा वही घिसे पिटे एक्शन सीक्वेंस तो बेसिकली उन्होने एक ऐसी मूवी बनानी चाहिए जो मासेज को पसंद आए। टोटल मसाला मूवी बॉलीवुड उन्होंने बना दी वेस्टेड मसाला मूवी और बॉलीवुड अब मैं उम्मीद से ज्यादा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैं जब इस फिल्म को देखने गया तो तो जीरो उम्मीद लगाकर गया था और इसीलिए सब कुछ उम्मीद से ज्यादा ही था।
मुझे समझ में नहीं आता कि मूवी बनने के बाद मेकर्स इसे देखते नहीं। क्या ये अपना प्रोडक्ट कैसा बना है। मतलब नवाज और टाईगर इन दोनों को थोड़ा सा साइड में रखें तो लाइटली इस फिल्म में एक परसेंट का भी दम नहीं है। नीवा नीवन माफ करना मैं रहमान सर का बहुत बड़ा फैन हूं। पर इस फिल्म को रहमान सर का म्यूजिक भी नहीं बचा सकता। मूवी ऐसे ढाई घंटे की है जिसमें आधे से ज्यादा सिर्फ एक्शन ही हैं और पत्नी के बीच में ही कहीं से भी गाने शुरू हो जाते थे।
इधर एक्शन चल रहा है तो अचानक से रोमैंस भी शुरू हो जाता था और रोमांस से एक बात समझ लो। अगर इन केस ये मूवी अब फैमिली के साथ देखने का सोच रहे हो या प्लान कर रहे हों तो इसमें कुछ इंटिमेट सीन हैं। हार्डकोर किसिंग सीन्स हैं और एक जगह तो टाइगर ने सीधा ऐसे हाथ। मतलब देखो फैमिली के सामने आकर नहीं होना तो उनके साथ ही मूवी मत देखना और वो छोटी बच्ची हो क्या डायलॉग?
मैं ये सोच रहा था कि काश वो इस फिल्म में ना हो पर क्या ही मिलिट्री इंटरवल के बाद सोच रहा था कि साला में ये मूवी देखी क्यों रहो। फिर सोचा कि चलो ठीक है। काम है अपना कंटेंट ट्यून है और थियेटर वालों को भी पता था कि लोग इस मूवी को ज्यादा झेल नहीं सकते तो उन्होंने इंटरवल सिर्फ एक मिनट का रखा।
मतलब सोचो सोचो। ना स्टोरी ना ढंग के डायलॉग्स ना स्क्रीन प्ले। बस इसका एक्शन देखना है तो जाओ देखो मैं दूंगा। इस मूवी को वन नाइट ऑफ फाइव स्टार्स मिलते हैं। अगले विंडो में।